विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की है. इसका मतलब है कि अगर कोई गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनोती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करता है तो उनका पक्ष भी सुना जाए, बिना उनका पक्ष सुने कोई आदेश जारी न किया जाए. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने एस. जयशंकर के राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज कर दिया था. राज्यसभा के बीजेपी उम्मीदवार एस. जयशंकर के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार गौरव पांड्या ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
जुलाई 2019 में हुआ था चुनाव
कांग्रेस का आरोप था कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा की दो सीटों के लिए जुलाई 2019 में हुए चुनाव में दो सीटों के अलग-अलग चुनाव कराए, जिससे सत्तााधारी दल के पास बहुमत होने के कारण दोनों सीटों पर उनके उम्मीदवार की जीत हुई.
चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती
कांग्रेस प्रत्याशी गौरव पांड्या ने चुनाव आयोग की अधिसूचना के आधार पर चुनौती दी थी, जिसमें दोनों खाली सीटों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया था, जिसकी वजह से अलग-अलग उपचुनाव की जरूरत थी. कांग्रेस नेताओं ने इसे संविधान और जनप्रतिनिधि कानून-1951 और चुनाव संहिता 1961 का उल्लंघन करार दिया था.
हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
गुजरात हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जनप्रतिनिधि कानून के तहत चुनाव को अमान्य घोषित करने के कारणों को बताने में नाकाम रहे. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता संविधान या जनप्रतिनिधि कानून का कोई ऐसा प्रावधान भी बताने में असफल रहे, जिसमें चुनाव आयोग को सभी रिक्तियों के लिए एक साथ चुनाव कराने की बाध्यता है.